Hariyali Teej 2024
हरियाली तीज 2024 :- हमारे देश में हिन्दू धर्म के बहुत से त्यौहार मनाये जाते है जिसमें हर त्यौहार की अपनी अलग ही धूम और अपना अलग ही महत्व होता है। उनमें से एक है “हरियाली तीज” जिसे सावन महीने में महिलाओं,लड़कियों के द्वारा मनाया जाता है। यह त्यौहार ज्यादातर उत्तर भारत में मनाया जाता है।
इस त्यौहार को बिहार , राजस्थान , हरियाणा , उत्तर प्रदेश ,मध्य प्रदेश आदि राज्यों में इस त्यौहार का बड़ी बेसब्री से इंतजार होता है। इस त्यौहार को शादीशुदा महिलाओं के साथ साथ कुंवारी लड़कियाँ भी मानती है। हरियाली तीज को “सिंधारा तीज” , “छोटी तीज” ,”हरतालिका तीज” , “आखा तीज” और “कजरी तीज” के नाम से भी जाना जाता है। यह त्यौहार “सावन तीज” के नाम से ज्यादा प्रसिद्ध है।
हिन्दू शास्त्र के अनुसार हरियाली तीज का त्यौहार सावन महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिवजी और माता पार्वती जी की पूजा करने का विशेष महत्व है। इस ब्लॉग के माध्यम से बताएंगे कि कब है हरियाली तीज , शुभ मुहूर्त ,और हरियाली तीज का महत्व आदि।
Hariyali Teej जानें कब है
हिन्दू पंचांग के अनुसार हरियाली तीज सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष तृतीया तिथि 6 अगस्त 2024 को शाम 7 बजकर 42 मिनट से शुरू होगी जो कि 7 अगस्त 2024 को रात 10 बजे समाप्त हो जाएगी। इसलिए इस वर्ष हरियाली तीज का पर्व और व्रत 7 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा।
Hariyali Teej शुभ मुहूर्त
- सुबह का शुभ मुहूर्त :- सुबह 5 बजकर 46 मिनट से सुबह 9 बजकर 06 मिनट तक है।
- दोपहर का शुभ मुहूर्त :- सुबह 10 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक है।
- शाम का शुभ मुहूर्त :- शाम 05 बजकर 27 मिनट से शाम 07 बजकर 10 मिनट तक है।
Hariyali Teej का विशेष महत्व
हरियाली तीज के इस त्यौहार का विशेष ही महत्व है। इस दिन भगवान शिवजी और माता पार्वती जी की पूजा की जाती है। पुराने शास्त्रों और मान्यताओं के अनुसार यह कहा जाता है की इस दिन माता पार्वती जी ने भगवान शिवजी को अपने पति रूप में पाया था।
माँ पार्वती जी ने घोर और कठिन तपस्या की थी जिसके बाद माँ पार्वती जी और भगवान शिवजी का मिलन हुआ था। हरतालिका तीज पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत और पूजा पाठ करती है। इस व्रत को “निशिवासर निर्जला व्रत” कहा जाता है। व्रत को औरतें निर्जला या फलाहार खा के भी रखती है।
कुंवारी लड़कियां भी भगवान शिवजी जैसे वर की इच्छा की कामना में यह व्रत रखती है। यह त्यौहार नवी नवेली/नवविवाहित महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस पर्व पर नवविवाहितों के लिए ससुराल पक्ष और मायके की तरफ से सिंधारा आता है।
सिंधारे में उन्हें नए वस्त्र,उपहार,चूड़ियाँ,गहने आदि सुंदर सुंदर चीजें मिलती है। सिंधारे में घेवर,फिरनी जैसी स्वादिष्ट आदि मिठाई दी जाती है। इस वजह से इसको “सिंधारा तीज”के नाम से जाना जाता है। हरियाली तीज का यह त्यौहार सावन महीने में आता है जब बारिश का मौसम होता है चारों तरफ हरियाली ही हरियाली होती है।
कुंवारी लड़कियाँ भी इस दिन नए नए कपड़े,चूड़ियाँ पहनती है। हरियाली तीज पर झूला झूलने का भी विशेष ही महत्व है। औरतें सावन के महीने के गीत गा गा कर झूला झूलती है। इस दिन घरों पर अच्छे अच्छे पकवान बनाये जाते है। इस दिन औरतें मेहंदी लगती है और हरी चूड़ियाँ पहनती है जो की उनका पति के प्रति प्रेम दिखाई देता है।
Hariyali Teej की आरती
हरियाली तीज पर भगवान शिवजी और माता पार्वती जी की पूजा करते समय आरती का बहुत ही महत्व है।
ॐ जय पार्वती माता, जय पार्वती माता।।
ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता।।
ॐ जय पार्वती माता।।
अरिकुल पद्मा विनाशिनी जय सेवक त्राता।
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता।
ॐ जय पार्वती माता।।
सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा।
देव वधू जहं गावत नृत्य कर ताथा।।
ॐ जय पार्वती माता।।
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता।।
ॐ जय पार्वती माता, जय पार्वती माता।।
हिमाचल घर जन्मी सखियन रंगराता।।
ॐ जय पार्वती माता।।
शुम्भ-निशुम्भ विदारे हिमाचल स्याता।
सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाथा।।
ॐ जय पार्वती माता।।
सृष्टि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता।
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता।
ॐ जय पार्वती माता।।
देवन अरज करत हम चित को लाता।
गावत दे दे ताली मन में रंगराता।।
ॐ जय पार्वती माता।।
श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता।
सदा सुखी रहता सुख संपति पाता।।
ॐ जय पार्वती माता।।
निष्कर्ष
आशा करते है आपको “हरियाली तीज” के बारे में कुछ बेहतरीन जानकारी मिलेगी होगी और आपको हमारा आज का यह ब्लॉग पसंद आया होगा।